Saturday 30 June 2012

chaand se saja kamra


कभी कभी रातों को यूँहीं उल्लुओं की तरह छत पर बैठे रहते थे तो वह मुझे फुसफुसा कर कहती..
 "वो चाँद लाकर दो  मुझे
उससे तुम्हारा कमरा सजाउंगी
जब तुमसे दूर चली जाऊं
तो उसे देख लेनातुम्हे हमेशा याद आउंगी

और मैं उससे देख हँस पड़तातो वोह रूठ जाती थी...मैं छत के इस कोने में होता और वह दूसरे में जाकर बैठ जाती थी 
"फिर अचानक मुस्कुरा पड़ती
और मुस्कुरा कर कहीं गुम हो जाती
ना जाने आँखें बंद कर क्या सोचने लग जाती
और सोच कर उस राज़ को किसी अँधेरे कोने में छोड़ जाती..." 

और मैं
"बस उससे यूँहीं पढ़ता रहता
अपने मन की तिजोरियों को
उसकी यादों से भरता रहता.."

शायद मुझसे कुछ जुड़ा था उसकाइसलिए हर रात किसी  किसी बहाने से छत पर मिलने  जातीफिर एक सर्दियों की रात वोह बोली..
"मुझे आइस-क्रीम खानी है
हाँ हाँ पता है तबियत ख़राब होगी मेरी
पर फिर तुम अपनी गोद में मेरा  रख कर मुझे सुलाना
और सारी रात अपनी उँगलियों से ेरे बाल सहलाते रह जाना..." 

इससे पहले की मैं कुछ बोल पाता, वोह फिर चालु हो जाती...
"और हाँख़बरदार जो उठ कर कहीं गए
देखो बिना बतलाये मैं चली जाउंगी
जी भर कर फिर रोते रहना
कभी वापस  आऊँगी..." 

फिर हम आइस-क्रीम खाने जाते थे, और वह ख़राब तबियत का बहाना कर मेरी गोद में सर रख सो जाया करती थीऔर मैं..
"यूँहीं उसको ताकता रहता
उन बंद आँखों के पीछे छिपे...
कुछ टूटे सपनों में झांकता रहता.."

रोज़ सुबह की चाय में तीन चम्मच चीनी मिला कर पीती थीऔर जब  मैं उससे Diabetes हो जाएगा कह कर डांटता तो मुझसे कहती... 
"हो जाने दोअच्छा ही है  
जब तक तुम डाक्टरी करके अपनी क्लिनिक नहीं खोलते
मैं रोज़ ज्यादा चीनी खा जाया रुँगी
फिर हमेशा तुम्हारी क्लिनिक में ही
अपना इलाज कराने आया करुँगी..." 

तब बस एक महीना ही रह गया था उसके जाने में जाने कैसे दो सा बीत गएरोज़ उसे वोह मीठी चा पीते देखऔर मैं...
"बस यही सोचता रह जाता
की उस छत को क्या जवाब दूंगा
जहाँ हम हम अपनी रातें बिताते ,
उन चाँद-तारों को क्या जवाब दूंगा
जिनको अपनी फ़ालतू बातें सुनाते थे..."

देखते देखते एक दिन वोह चली गयीकुछ दिन बाद उसकी शादी का कार्ड आया था मुझेचाह कर भी जा  सका...
"उस रात आँखें छलक आयीं थीं
और खिड़की खोली
तो चांदनी लिएसर्द हवाएं मुझे उसकी शायद कुछ गम हुई 
यादें लौटाने आयीं थीं
जो खिड़की से बाहर देखा
तो चाँद अपनी चांदनी संग
मेरा कमरा सजा रहा था
और पास वाली गली में
एक आइस-क्रीम वाला रह रह कर चिल्ला रहा था..."